Menu
blogid : 11232 postid : 46

पश्चाताप की ज्वाला

umeshshuklaairo
umeshshuklaairo
  • 231 Posts
  • 54 Comments

शीतल चंदा दहक रहा है
पश्चाताप की ज्वाला में
शीतलता के लक्षण को तज
बन गया निपट लम्पट कामी
जिस यौवन में वात्सल्य था दिखता
कुत्सित भाव उसी संग जामी
धिक्कार तुम्हारे कृत्यों पर
कथनी के आडम्बर पर
वस्तु रूप तो यही तुम्हारा
वाह्य सतह की शीतलता
से ठगते
अंतर गह्वर पाप हैं बसते
प्रकट रूप हो गया तुम्हारा
अब न करेगा उपकृत कोई
पूरनमासी बीत गयी
आई अंधियारी की गोई
चाँद दिवस धुल पाप आपने
पुनः उदित होना निशि सोई
शायद क्षमा तुम्हे कर दे
वह यौवन
पर
कहा सदा यह जायेगा
चंदा की शीतलता मत देखो
वरना ये फिर ठग जायेगा

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply