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वजूद-ए-इश्क

umeshshuklaairo
umeshshuklaairo
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जब भी ये दिल
उदास होता है
कोई टूटा सा
एक ख्वाब
साथ होता है
दिल की किसी
गहराई से
आवाज़ ये आती
आखिर ये मेरे ही
साथ क्यूँ होता है
कभी मदमस्त
फिजाओं की रौनक
तो कभी
एहसासों की चौंकन
घुट घुट सा
जीता रहा हर पल
लोगों ने पूंछा भी
तो हंस कर ये बोला
ये तो मेरे
वजूद-ए -इश्क की
रहनुमाई है

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