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आकुलता

umeshshuklaairo
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आकुलता

पुकारती है

नाम ले ले कर मेरा

समाहित

करना चाहता है

वेदना का समुद्र मुझको

स्वयं में

वेदना …।

किसकी है ? किसलिए

आक्रांत करे मुझको

भिन्न भाव अवलम्बन लेकर

डूब जाऊं

क्या मैं उसमे ?

कर दूँ समर्पण ?

फिर

मेरे झूठे दंभ का

प्रतिकार के भाव का

क्या मोल

क्या मोल उस मनुष्य का

कर दे समर्पण

परिस्थिति से

कदापि नहीं

संघर्ष

लक्ष्य है मेरा वह

पहुँच जहाँ पर

दूर दूर तक वेदना न हो

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