umeshshuklaairo
- 231 Posts
- 54 Comments
हो गए हैं एक बरस अब
तुझको दामन मेरा छोड़े हुए
एहसास अब भी होता तेरा
हर शै में अब भी कायनात की
लगता यूँ ही मुस्कुराती
है खड़ी तू
हर दम बगल मेरे कहीं
चौंक जाता हूँ मैं उस पल
जब भी तेरा एहसास हो
मेरे ही तो सामने
जब मिली तू राख हो
फिर भी दिल ये ढूंढता है
तेरे अद्भुत प्यार को
पोपले से मुंह से तेरा
पुकारना मेरे नाम को
अनसुनी करने पे देना
झिडकियां तमाम वो
कैसे भूलूं किस तरह से
तूने सम्हाला परिवार को
हो चली कृशकाय तू थी
पर था बड़ा शासन तेरा
घर के सरे प्राणी जन
कांपते सुन डांट को
थी बड़ी मीठी तुम्हारी
डपट वो भी जानते थे
तेरे सर अपनी खुशियाँ
गिन गिन के सब वारते थे
न जाने किस गम ने तोड़ा
तू चली प्रभु धाम को
अब भी आदत बन न पाई
न देखने की आपको
Read Comments