umeshshuklaairo
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नब्ज ये बैद क्या देखे
मुझे दिल की बीमारी है
फितरत मरीज ए दिल देखो
मुझे उनकी तलबगारी है
दवाओं में नहीं दम इतना
मुझे सुकूं दे सके जानो
ये सांसें चल रही यूँ ही
के उनकी दम शुमारी है
खुसूस रोज ही आते हो मेरा
हाल पूछने के जानिब
कभी उस हुस्न को लाओ
जिसकी सब कारगुजारी है
मुसलसल हाल मेरा होगा
उसके दीदार से बेहतर
ये बूढ़े बैद क्या जाने
मुझे किसकी तलबगारी है
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