बहुत हसरत थी दिल में
तुझे पैगाम भेजने की
रुखसार गुलाबी करने की
लरजते हाथों ने लिखा
कब दीदार होंगे तेरे
फिर यूँ ही याद आया
जिंदगी में मैं नहीं तेरे
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